Saturday, 11 August 2012

मेरी एक हसरत


8 comments:

  1. Replies
    1. धन्यवाद् यशवंत जी .......मेरी कला को प्रोत्साहित करने के लिए ....बहुत बहुत शुक्रिया .....:)

      Delete
  2. वाह वाह !... काफी सुन्दर रचना ...
    " खुद के नजरिये से ज्यादा
    दुसरो के शब्दों पर यकीन है
    अपनी इन आँखों को मूँद कर
    तमाशा देखना तो
    जैसे बस आदत बन गया है "...

    लाजवाब पंक्तियाँ ... बहुत सुन्दर... तारीफ करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका ......मेरी इस कोशिश को सराहने का......:)

      Delete
  3. शालिनी जी बहुत अच्छा लिखतीं हैं आप.
    अनुपम प्रस्तुति के लिए आभार.
    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.

    ReplyDelete
    Replies
    1. bahut shukriya aapka rakesh ji ......aapko bhi hardik shubkamnayeiin:)

      Delete
  4. Such is life, Sigh! Lovely writing!

    ReplyDelete
    Replies
    1. thank u saru .....thanks 4 reading it :)

      Delete