रिश्ते
इनके पेच कसने में ज़िंदगियाँ छूट जाएँगी
यही बेहतर है की हम,
शुरुआत करें फिर से
अजनबियों की तरह,
मुलाकात करें फिर से
थोड़ा तुम शुरू करना,
फिर मैं संभालूंगा
शिकवे होंगे, शिकायतें होंगी
कुछ तुम कहना , कुछ मैं सुनाऊंगा
यही कोशिश एक नया अंजाम देगी
जितना बांधकर रखेंगे
उतना खुद को कैद पाएंगे
थोड़ी आज़ादी और सम्मान देकर
हम अपने किरदारों को बखूबी निभा पाएंगे
शालिनी'सरगम'
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