Saturday, 14 July 2012

आवारा तो हमको बना ही दिया है, कभी दीवाने भी बन जाओ तो जानू

ख्यालों में तो रोज़ आते हो ,
कभी हकीकत में आओ तो जानू 


आवारा तो हमको बना ही दिया है, 

कभी दीवाने भी बन जाओ तो जानू

सूरत पर तो फ़िदा हम इस कदर हैं
कभी सीरत दिखाओ तो जानू 








जज्बातों से तो खूब खेलते हो
कभी चाहत से खेलो तो जानू

आकाश को तो रोज़ छूते हो
कभी सितारों तक पहुँचौ तो जानू

दिमाग पर तो तुम हावी इस कदर हो
कभी दिल 
में उतर जाओ तो जानू 

10 comments:

  1. जज्बातों से तो खूब खेलते हो
    कभी चाहत से खेलो तो जानू

    बहुत खूब लिखती हैं आप।

    बहुत ही बढ़िया।

    सादर
    -----
    ‘जो मेरा मन कहे’ पर आपका स्वागत है

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    1. धन्यवाद् यशवंत जी ...delighted that u liked my creations.......:)

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  2. bahut badhiya... sundar rachna...

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  3. बहुत सुन्दर लिखा है शालिनी...
    बस टेक्स्ट साइज़ छोटा-बड़ा है...एक सा कर लीजिए.

    keep writing...bless u..

    anu

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    1. ....धन्यवाद अनु जी .....आपके प्रोत्साहन के लिए

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  4. बहुत बढ़िया रचना....

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    1. dhanyawad reena ji apke is prem ka .....mera ek page bh hai ....https://www.facebook.com/shalini.ki.sargam...apko jarur pasand ayega

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  5. .......... प्रशंसनीय रचना - बधाई

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