ख्यालों में तो रोज़ आते हो ,
कभी हकीकत में आओ तो जानू
आवारा तो हमको बना ही दिया है,
कभी दीवाने भी बन जाओ तो जानू
सूरत पर तो फ़िदा हम इस कदर हैं
कभी सीरत दिखाओ तो जानू
जज्बातों से तो खूब खेलते हो
कभी चाहत से खेलो तो जानू
आकाश को तो रोज़ छूते हो
कभी सितारों तक पहुँचौ तो जानू
दिमाग पर तो तुम हावी इस कदर हो
कभी दिल में उतर जाओ तो जानू
कभी हकीकत में आओ तो जानू
आवारा तो हमको बना ही दिया है,
कभी दीवाने भी बन जाओ तो जानू
सूरत पर तो फ़िदा हम इस कदर हैं
कभी सीरत दिखाओ तो जानू
जज्बातों से तो खूब खेलते हो
कभी चाहत से खेलो तो जानू
आकाश को तो रोज़ छूते हो
कभी सितारों तक पहुँचौ तो जानू
दिमाग पर तो तुम हावी इस कदर हो
कभी दिल में उतर जाओ तो जानू
जज्बातों से तो खूब खेलते हो
ReplyDeleteकभी चाहत से खेलो तो जानू
बहुत खूब लिखती हैं आप।
बहुत ही बढ़िया।
सादर
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‘जो मेरा मन कहे’ पर आपका स्वागत है
धन्यवाद् यशवंत जी ...delighted that u liked my creations.......:)
Deletethank u ....
ReplyDeletebahut badhiya... sundar rachna...
ReplyDeletethank u ashish .....happy u liked it
Deleteबहुत सुन्दर लिखा है शालिनी...
ReplyDeleteबस टेक्स्ट साइज़ छोटा-बड़ा है...एक सा कर लीजिए.
keep writing...bless u..
anu
....धन्यवाद अनु जी .....आपके प्रोत्साहन के लिए
Deleteबहुत बढ़िया रचना....
ReplyDeletedhanyawad reena ji apke is prem ka .....mera ek page bh hai ....https://www.facebook.com/shalini.ki.sargam...apko jarur pasand ayega
Delete.......... प्रशंसनीय रचना - बधाई
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