come and join ...search ur own word

Followers

Contributors

Sunday, 5 February 2012

क्यूँ????????




क्यूँ मेरी आरज़ू मेरी मोहब्बत बन गई,
क्यूँ मेरी मोहब्बत मेरी जिंदगी बन गई,
अब तक होश यूँ संभाला था मैंने
क्यूँ मेरे होश मेरी मदहोशी बन गए




क्यूँ मेरी चाहत मेरी मजबूरी बन गई,
क्यूँ मेरी मजबूरी मेरी इनायत बन गई,
अब तक ये आदत दूर रखी थी मैंने,
क्यूँ ये आदत मेरी दीवानगी बन गई


क्यूँ ये ख्वाब मेरे अधूरे से थे,
क्यूँ ये चाहतें अनकही सी थीं,
तुम्हारे आने के ख्याल से ही,
क्यूँ इन्हें जुबां मिल गई


क्यूँ मुझे सब पागल समझने लगे,
क्यूँ मुझसे सब दूर जाने लगे,   
क्यूँ मेरे अश्कों को समझ न सके,
बस यही खता तो हुई मुझसे कि
तुम्हे पाना चाहा मैंने,
क्यूँ ये चाहत मेरी दुश्मन बन गई

क्यूँ तुम्हारा इंतज़ार करते हैं,
क्यूँ तुमसे ये इज़हार करते हैं,
इन सवालों के ज़वाब हैं नहीं लेकिन,
क्यूँ इन सवालों से इतना प्यार करते हैं