वतन को हमपर नाज़ है
हमें ही रखना उसका मान है
द्वेष ईर्ष्या को मिटाकर
मोहब्बत दिलों में फैलाकर
हमें ही रखना उसका मान है
द्वेष ईर्ष्या को मिटाकर
मोहब्बत दिलों में फैलाकर
ऐ मेरे वतन के रक्षको
ज़रा अपने घरोंदे से निकलो
देखो तुम्हारे तिरंगे को
देखो तुम्हारे तिरंगे को
कोई चौथे " लहू "के रंग में न रंग दे
उसकी हिफाज़त करो
न की बस भीड़ में शामिल होकर तमाशा देखो
स्वंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
" जय हिंद ( शालिनी )