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Saturday, 21 July 2012
Thursday, 19 July 2012
फ़साना भी में हूँ . दीवाना भी में हूँ
ज़माना भी में हूँ , तराना भी मैं हूँ
ज़रा देख तू भी , एक नज़र भर के मुझको
हजारों में खिलता वो गुलज़ार में हूँ
तेरी एक झलक को तरसता भी में हूँ
तेरी उन आँखों को पढता भी में हूँ
तुझे इसका अहसास कैसे कराऊँ
तेरी इन बातों का कायल भी में हूँ
तुझे इस कदर समझता भी में हूँ
तेरी हर आदत को चाहता भी में हूँ
तुझे ये हकीकत बताऊँ भी तो कैसे
तुझे खोने से डरता भी में हूँ
शिकायत तुझी से करता भी में हूँ
नजाकत तेरी सहता भी में हूँ
अरे ओ जालम इस कदर न इतरा
तुझी से मोहब्बत करता भी में हूँ
Saturday, 14 July 2012
आवारा तो हमको बना ही दिया है, कभी दीवाने भी बन जाओ तो जानू
ख्यालों में तो रोज़ आते हो ,
कभी हकीकत में आओ तो जानू
आवारा तो हमको बना ही दिया है,
कभी दीवाने भी बन जाओ तो जानू
सूरत पर तो फ़िदा हम इस कदर हैं
कभी सीरत दिखाओ तो जानू
जज्बातों से तो खूब खेलते हो
कभी चाहत से खेलो तो जानू
आकाश को तो रोज़ छूते हो
कभी सितारों तक पहुँचौ तो जानू
दिमाग पर तो तुम हावी इस कदर हो
कभी दिल में उतर जाओ तो जानू
कभी हकीकत में आओ तो जानू
आवारा तो हमको बना ही दिया है,
कभी दीवाने भी बन जाओ तो जानू
सूरत पर तो फ़िदा हम इस कदर हैं
कभी सीरत दिखाओ तो जानू
जज्बातों से तो खूब खेलते हो
कभी चाहत से खेलो तो जानू
आकाश को तो रोज़ छूते हो
कभी सितारों तक पहुँचौ तो जानू
दिमाग पर तो तुम हावी इस कदर हो
कभी दिल में उतर जाओ तो जानू
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