ज़िन्दगी बहुत छोटी है
फिर भी हम इसे जी नहीं पाते
हर मोड़ पर विचलित होना तो ,
जैसे बस फितरत बन गया है
खुद के नजरिये से ज्यादा
फिर भी हम इसे जी नहीं पाते
हर मोड़ पर विचलित होना तो ,
जैसे बस फितरत बन गया है
खुद के नजरिये से ज्यादा
दुसरो के शब्दों पर यकीन है
अपनी इन आँखों को मूँद कर
तमाशा देखना तो
जैसे बस आदत बन गया है
कभी सोचते हैं ज़िन्दगी से
कुछ गुफ्तगू करे
पर उसे समझ के भी न समझ पाना
तो जैसे बस एक हसरत बन गया है
अपनी इन आँखों को मूँद कर
तमाशा देखना तो
जैसे बस आदत बन गया है
कभी सोचते हैं ज़िन्दगी से
कुछ गुफ्तगू करे
पर उसे समझ के भी न समझ पाना
तो जैसे बस एक हसरत बन गया है