तारों की गिनती भी हम कर पाते
आरज़ू हमारी अगर तुम सुन पाते
दिल की कसक अगर तुम देख पाते
बुझे हुए चिराग भी रोशन हो जाते
काश तुम आते...........
मंजिलें अपनी हम खुद बना पाते
भंवर में हमको जो सहारा दे जाते
राहों को हम अपनी छोड़ जाते
तुम्हें यू हीं जब हम अपना पाते
काश तुम आते .............
समंदर की लहरों को हम नाप पाते
अंधेरें में भी दिए जगमगाते
चाँद की रौशनी पड़ती जब तुम पर
दिल में हमारे ख्वाब उठ आते
काश तुम आते.......
अपनी तनहाइयों को हम भुला जाते
तुम सिलसिलों को जब यूँ दोहराते
बेबसी का दामन हम छोड़ जाते
सिसकियों को हमारी अगर तुम सुन पाते
काश तुम आते.............
जिंदगी से हम नाता न तोड़ पाते
बंदगी से जो तुम हमें मनाते
आकाश में भी उड़ पाते हम एक दिन
काश तुम आते...........
एक उम्मीद जो तुम दे जाते
राहें तुम्हारी उम्र भर निहार पाते
अब यही सोचते रहते हैं हर दिन
काश तुम आते..........
काश तुम आते.................
Jeesh ! awesome writing ,keep it up
ReplyDeletethanks 4 liking it...........
ReplyDeletemaja aa gaya didi,awesome
ReplyDelete