नेता हैं महा अभिनेता ,
बात बात पर करते एक्टिंग ,
पल भर में हीरो बन जाते ,
अगले ही पल विलन कहलाते
भ्रष्टाचार है इनकी पहचान ,
झूठ बोलना इनकी शान
इनका तो ठाठ है ऐसा ,
जहाँ देखो वह पैसा
घरों में दफनाया पैसा ,
दीवारों में रखा पैसा
पैसे पर ही सोते हैं ,
पैसे पर ही जागते हैं
नहीं मिटी है इनकी भूख ,
टेंशन में बेचारे गए हैं सूख
सफ़ेद धन तो काम न आया ,
काला धन भी खूब कमाया
घर में इन्हें जगह कम पड़ गई
स्विस बैंक कि अब मदद ली गई
अपनी गलती ,मात्र एक संजोग
दूसरे कि गलती , उसे है रोग
सच्चाई से इन्हें परहेज ,
झूठ है इनका दहेज
देश पर ही जीते हैं ये ,
देश पर ही मरते हैं ये
देश के नाम पर ,
अपनी जेबें भरते हैं ये
लोकतंत्र का राज है
वोट देना हमारा ,
इलेक्शन आते ही ,
नोटों का पिटारा खुलता है ,
फिर पोर्ट फोलियो बनता है
पर्चियां छपवाते हैं ,
और रैलियां निकलवाते हैं
हम होंगे सबसे अच्छे नेता
ऐसा तो अक्सर कहते हैं
बेचारी जनता को ,
बात बात पर ठगते हैं
इस्कैम में ही फसें रह गए
जेलों के मेहमान बन गए ,
चारा भी इनको रास न आया ,
बेचकर उसको खूब धन कमाया
जनता बैठ तमाशा देखे
सोचे इनको कौन रोके
सोचते सोचते देश लुट जायेगा ,
भारत फिर गुलाम बन जायेगा
देश के शौर्य को बढ़ाना होगा ,
जागरूकता को अपनाना होगा
एकता कि भावना को लाना होगा
और कहीं ना कहीं
इन भ्रष्ट नेताओं से देश को बचाना होगा
nice poem.....
ReplyDeletewow really very true n a niceee poem...
ReplyDeletetune to neta logo ki band baja di
ReplyDeletehehe......wo isi layak hain mam.........
ReplyDeletegood one!!!! :)
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