सफलता की चाह तो सभी रखते हैं
पर सफल होता है कोई कोई
मेहनत तो सभी करते हैं
पर अंजाम तक पहुँचता है कोई कोई
ख्वाब तो सभी देखते हैं
उन्हें बुलंदी तक पहुंचाता है कोई कोई
मझदार में तो सभी फसते हैं
पर किनारे तक पहुँचता है कोई कोई
मकान तो सभी बनाते हैं
उसे घर बना पता है कोई कोई
ठोकर तो सभी खाते हैं
उठकर संभल पता है कोई कोई
ये " कोई " हम में से ही एक हैं
फर्क इतना है
ये मुश्किलों में आसानी ढूढ़ते हैं
और हम शायद
आसानी में भी मुश्किल में पड़ जाते हैं
ये हर राह में सफलता ढूढ़ लेते हैं
और हम सफलता तक पहुँच कर भी
धैर्य खो बैठते हैं !!!!!!!!!!
( शालिनी )
Very nice words.
ReplyDeletethank u so much .....thanks 4 readind it:)
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