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Thursday, 16 August 2012

कोई कोई

सफलता की चाह तो सभी रखते हैं 
पर सफल होता है कोई कोई 

मेहनत तो सभी करते हैं 
पर अंजाम तक पहुँचता है कोई कोई 

ख्वाब तो सभी देखते हैं 
उन्हें बुलंदी तक पहुंचाता है  कोई कोई 

मझदार में तो सभी फसते हैं 
पर किनारे तक पहुँचता  है कोई कोई 

मकान तो सभी बनाते हैं
उसे घर बना पता है कोई कोई 

ठोकर तो सभी खाते हैं
उठकर संभल पता है कोई कोई 



ये " कोई " हम में से ही एक हैं 
फर्क इतना है
ये मुश्किलों में आसानी ढूढ़ते  हैं 
और हम शायद 
आसानी में भी मुश्किल में पड़ जाते हैं 
ये हर राह में सफलता ढूढ़ लेते हैं
और हम सफलता तक पहुँच कर भी 
धैर्य खो बैठते हैं !!!!!!!!!! 
                              ( शालिनी )



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