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Sunday, 19 August 2012

भारत:विभिन्नता में भी एकता या एकता में विभिन्नता!!!!!!!!!

विश्व में ,
 अनेक देश , प्रदेश 
भिन्नता , विभिन्नता 
भारत , मात्र एक देश 
जहाँ विभिन्नता  में भी एकता 
यहाँ की संस्कृति 
सदियों पुरानी 

त्योहारों में क्रिसमस , गुरुपर्व           
या होली रमजान 
सभी मानते एक सामान 
खान पान का भण्डार 
वस्त्रों का बाज़ार 
भाषाएँ अनेक 
मकसद है एक 
"राष्ट्र की उन्नति "
जन - गन मन का गुडगान 
तिरंगा बढाता शान 
इतने  विकल्प होने पर भी 
देश का बटवारा हो रहा है 
कश्मीर "धरती का स्वर्ग "
वीराना बनता जा रहा है 
अपनी उपलब्धियों को भूल 
दूसरों की चकाचौंध ने 
अँधा कर दिया है 
कहने को  विभिन्नता  में भी एकता है 
 पर कहीं आज  बस 
"एकता में ही विभिन्नता नज़र आ रही है "
जिसे जल्द ही हमें  एकत्रित करना होगा!!!!!!!!!!
                                       (शालिनी)



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